Mystery behind yellow Jersey of Dhoni and CSK: भारत देश क्रिकेट प्रेमी है। क्रिकेट का खिलाड़ी इस देश का एक बहुत बड़ा आइकन होता है। क्रिकेट की दुनिया में भारत में कई बड़े-बड़े खिलाड़ी अभी तक हुए हैं। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी एक ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनके पास रिकॉर्ड की कोई लंबी फेहरिस्त नहीं है लेकिन अपनी कला कौशल और अब तक की सफलता से या यूं कहें कि विकेटों के पीछे की चाप चपलता से और अपनी मैच विनिंग रणनीति से भारत को कई बड़े मैच दिए हैं। भारत को एक नहीं दो दो विश्व कप भी दिलाया है।
कैप्टेन कूल का चेन्नई सुपरकिंग से नाता – Dhoni and CSK
महेंद्र सिंह धोनी की ऐसी कला कौशल और मौन, कूल कूल रणनीतिक सफलता के कारण देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमी आज भी उनके मुरीद हैं। आईपीएल तो लगता है जैसे महेंद्र सिंह धोनी के लिए ही बना हुआ है। तभी तो महेंद्र सिंह धोनी चेन्नई सुपर किंग की तरफ से नेतृत्व करते हुए टीम को अभी तक पांच बार किताब दिला चुके हैं। वहीं रिकॉर्ड धारी विराट कोहली अभी भी अपने पहले आईपीएल के खिताब के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।
चेपॉक स्टेडियम यूँ ही नहीं गूंजता थाला का शंखनाद
चेन्नई, धोनी और आईपीएल का स्वर्णिम नाता ऐसा है कि आईपीएल के शुरू होने के 2 महीने पहले से ही धोनी चेन्नई में जाकर अपने क्रिकेट जमघट का चमत्कार शुरू कर देते हैं। इसका ताज़ा उदाहरण यह है कि अभी वर्तमान में चल रहे आईपीएल में जब महेंद्र सिंह धोनी चेन्नई के मैदान पर चेन्नई सुपर किंग्स कीतरफ़ से बैटिंग करने उतरते हैं तो धोनी, धोनी और थाला, थाला की 120 डेसीबल की आवाज से पूरा चेपॉक स्टेडियम गूंज उठता है।
यलो यलो धोनी यानी आईपीएल की एक कालजई सुनहरी तस्वीर
चेपॉक में पीले रंग की जर्सी से हर दर्शक अपने आप को धोनी समझता हुआ तालियों की गड़गड़ाहट करते रहता है। चेन्नई का मैदान लगता है धोनी के मैदान के नाम से दुनिया में भविष्य में जाना जाएगा। महेंद्र सिंह धोनी जैसा लोकप्रिय सितारा दोबारा कभी भारतीय क्रिकेट में आएगा इस पर भी काफी बातें होती रहेंगी।बहरहाल हम तो यही कहेंगे कि धोनी, चेन्नई, आईपीएल और पीली जर्सी का जैसे कोई जन्मों जन्मों का संबंध है।
धोनी की लोकप्रियता अभी भी बरकरार
धोनी हमारे देश में कितने प्रसिद्ध हैं ये किसी को बताने की कोई ज़रूरत नही है। इसी तरह आइपीएल में भी वे सबके कितने चहेते हैं, यह सर्वविदित है। खासकर फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स के लिए वे लगभग भगवान की तरह पूजे जाते हैं। धोनी इसीलिए सारे अंतरराष्ट्रीय फाॅमेर्ट से रिटायर्ड होकर भी आइपीएल में अब तक खेल रहे हैं। आइपीएल में धोनी इतनी रुची रखते हैं कि वे दो माह पूर्व चैन्नई में डेरा डाल देते हैं। वहां वे इस दौरान जम कर प्रेक्टिस करते हैं।
धोनी की प्रैक्टिस देखने में भी लोग उमड़ पड़ते हैं
दर्शकों में उनकी दीवानगी का आलम यह है कि प्रेक्टिस देखने ही हज़ारों लोग स्टेडियम में जा बैठते हैं। इसी तरह जब आइपीएल शुरू होता है तब चैन्नई के मैच के दिन पूरा स्टेडियम पीली जर्सी से पटा रहता है। धोनी की दीवानगी का आलम यह है की उनके दीवाने सपोर्ट तो अपनी फ्रैंचाइजी को करने आते हैं लेकिन धोनी की बल्लेबाजी के वक्त शर्ट धोनी की ही पहनते हैं और उनके आउट होते ही वो टी शर्ट उतार भी देते हैं और अपनी फ्रैंचाइजी टीम को सपोर्ट करने लगते हैं।
स्टैंड्स में बैठा हर शख्स एक तरह से धोनी और चेन्नई का सपोर्टर होता है (Dhoni and CSK)। इसी तरह दर्शक दीर्घा में बैठा हर शख्स चेन्नई की बल्लेबाज़ी के वक्त धोनी कब बल्लेबाज़ी के लिए आएंगे, यह सांसें थाम कर इंतजार करता रहता है। क्योंकि धोनी की बल्लेबाज़ी से सभी वाकिफ हैं।
अब तक के महान फिनिशर
भारत के लिए कितने ही मैच अकेले धोनी ने खुद फिनीश किए हैं। इसी तरह आइपीएल में भी वे लांग ऑन पर लम्बे-लम्बे छक्के लगाने के कारण दर्शकों के दिलों दिमाग पर छाए हुए रहते हैं। धोनी अब भले ही पहले वाले धोनी नहीं रहे हो लेकिन क्रिकेट प्रेमी आज ,भी उनसे वहीं अपेक्षा रखते हैं और इसीलिए धोनी जब भी आइपीएल में बल्लेबाजी के लिए उतरते हैं तब पूरा स्टेडियम धोनी, धोनी के शोर से गूंज उठता है।
दर्शक अब क्यों होते हैं निराश
लेकिन पिछले कुछ वर्षो से धोनी अपने चहेते दर्शकों के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। पहली बात तो धोनी आजकल बल्लेबाज़ी के लिए आते ही नहीं है। जब तक बिल्कुल ही ज़रूरी नहीं हो जाता, धोनी बल्लेबाज़ी के लिए उतरते ही नहीं है। मतलब जब सिर्फ गेंदबाज (टेलएंडर्स) बच जाते हैं, तब वे बल्लेबाज़ी करने आते हैं।
इसमें अक्सर धोनी को या तो बल्लेबाज़ी का मौका ही नहीं मिलता या दो चार गेंदे ही खेलने मिलती है। इससे होता यह है कि स्टैंड्स में बैठे लाखो दर्शक खुद को ठगा सा महसूस करते हैं। क्योंकि वे तो धोनी को और उनकी बल्लेबाजी को देखने ही आते हैं।
धोनी अब चाहने वालों के साथ कर रहे ना इंसाफी
ऐसे समय धोनी पहली बात तो ख़ुद को ड्रेसिंग रूम में बंद कर बैठे रहते हैं। और दूसरा बल्लेबाजी भी चार-छह गेंद खेलने आते हैं। ये एक तरह से उनके चाहने वालों के साथ नाइंसाफी जैसा है। बेहतर हो कि जब सब धोनी को देखने आ रहे हैं तो धोनी ज्यादा से ज्यादा समय मैदान पर दे। ज्यादा समय बल्लेबाजी के लिए आए।
धोनी को चैन्नई के इन दीवानों की थोड़ी कद्र करनी चाहिए
वे यदि बार-बार असफल भी हुए तो उनको भविष्य में कोई हूट भी नहीं करेगा, क्योंकि वे अपना सर्वश्रेष्ठ दे चुके हैं। वे थोड़ी बेहतर बल्लेबाज़ी कर दर्शकों का मनोरंजन भी करें, तो दर्शक खुश हो जाएंगे। इसलिए धोनी को चैन्नई के इन दीवानों की थोड़ी कद्र करनी चाहिए और बल्लेबाज़ी के लिए जल्दी उतरना चाहिए। तभी उन दर्शकों के साथ न्याय होगा। अन्यथा दर्शक दीर्घा में पीली जर्सी में हमेशा दर्शक धोनी को चार गेंद खेलते देखकर हाथ मलते ही रह जाएंगे।
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