Kapil Dev Vs Sunil Gavaskar

Kapil dev Sunil Gavaskar 1984 rivalry: क्रिकेट के मैदान में कई खिलाड़ी गहरे दोस्त हैं तो कई की दुश्मनी लोगों की जुबां पर आम है। दुश्मनी या फिर कहें प्रतिद्वंद्विता के किस्सों में देश के सर्वकालिक दो महान खिलाड़ियों के किस्से फैंस को खूब भाते हैं। इन पर खूब चर्चा भी होती रही। यह लड़ाई सुनील गावस्कर और कपिल देव के बीच हुई थी। 

साल 1983 में हुए वर्ल्ड कप में गावस्कर का बल्ला बिल्कुल खामोश जा रहा था

दरअसल साल 1983 में हुए वर्ल्ड कप में गावस्कर का बल्ला बिल्कुल खामोश जा रहा था। उनकी असफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ल्ड कप के दौरान छह पारियों में वह केवल 64 रन ही बना सके थे। टूर्नामेंट के शुरूआती दो मुकाबलों में वह बिल्कुल फ्लॉप रहे। लेकिन मुसीबत तब शुरू हुई जब टीम इंडिया शुरूआती चार मुकाबलों में आखिरी के दो मुकाबले हारकर बाहर होने की कगार पर पहुंच गई।

कपिल देव और गावस्कर के बीच मनमुटाव के बीज – Kapil dev Sunil Gavaskar 1984 Rivalry

इस मुश्किल हालात में टीम मीटिंग की गई। इस दौरान कपिल देव ने सुनील गावस्कर से दो टूक में कहा, सनी भाई अब रन बनाना होगा। कपिल का यह जवाब गावस्कर को नागवार गुजरा। माना जाता है कि दोनों खिलाड़ियों के बीच यही से मनमुटाव शुरू हुआ।

गावस्कर को टीम से कर दिया गया बाहर

भारतीय टीम का अगला मुकाबला उस समय की बेहद मजबूत टीम वेस्टइंडीज से था। इस मुकाबले से गावस्कर गायब थे और टीम इंडिया को बड़ी हार मिली। यही नहीं टीम के अनुभवी खिलाड़ी दिलीप वेंगसरकर भी चोटिल हो गए। जिसके बाद अगले मुकाबले में गावस्कर को फिर से टीम में शामिल किया गया।

बड़ा विवाद तब जब कपिल हुए बाहर

खिलाड़ियों के आपसी मन मुटाव के इस मामले ने बड़े विवाद का रूप तब ले लिया जब साल 1984 में कपिल देव और संदीप पाटिल को इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट मुकाबले के लिए बाहर कर दिया गया। इस दौरान टीम की कमान गावस्कर की हाथ में थी। कपिल का बाहर होना फैंस के लिए पचा पाना बेहद मुश्किल था और कोलकाता में फैंस नो कपिल नो टेस्ट का बैनर लेकर पहुंच गए। हालांकि इस बीच गावस्कर हमेशा यह कहते रहे कि उन्होंने कपिल को टीम से बाहर का रास्ता नहीं दिखाया था। यह चयनकर्ताओं की पहल थी।

लगातार 131 टेस्ट खेलने का रिकॉर्ड बन जाता

खबरे यह भी चली कि कपिल अगर इस टेस्ट में बाहर नहीं होते तो वह लगातार 131टेस्ट खेलने का रिकॉर्ड बना देते। क्रिकेट सर्किल में अक्सर चर्चें रहते हैं कि इसी खुन्नस की वजह से गावस्कर ने कपिल को बाहर का रास्ता दिखा दिया। कोलकाता में फैंस के इसी गुस्से की वजह से गावस्कर ने बाद में कोलकाता से अपनी दूरी बना ली। कोलकाता टेस्ट भारतीय टीम जीतने में कामयाब रही, लेकिन देश के दो दिग्गज खिलाड़ी के बीच दरार आ चुकी थी। हाल यह था कि दोनों खिलाड़ियों ने एक दूसरे से बातचीत करना भी बंद कर दिया।

मनमुटाव क़रीब 25 सालों तक चला

 यह मनमुटाव करीब 25 सालों तक चलता रहा। लेकिन हर मनमुटाव का अंत होता है और इन दोनों दिग्गजों के बीच भी सुलह हुई। वर्ल्ड कप 1983 के 25 साल पूरा होने के बाद एक शानदार पार्टी रखी गई। इस दौरान कई वरिष्ठ व्यक्तियों के पहल के बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच फिर बातचीत शुरू हुई। और आज ये दोनों महान खिलाड़ी फिर से दोस्त हो गए हैं और मैदान में कमेंट्री के दौरान साथ देखे जा सकते हैं।

अंत भला तो सब भला

कहते ना अंत भला तो सब भला! सुनील गावस्कर और कपिल देव के बीच मां मनमुटाव का ख़त्म  होना क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक बेहद आशा दिलाने वाली बात रही। यह दोनों क्रिकेट की दुनिया के सबसे बड़े दिग्गज रहे हैं और दुख यह जानकर होता है कि अपने-अपने अहंकार के रहते, दोनों ने इतना इतना क़ीमती वक्त एक दूसरे के बग़ैर बिता दिया। अगर इनकी दोस्ती बरक़रार रहती, तो तो शायद कुछ और ही माजरा होता।

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Written by

Sharad Mishra

वरिष्ठ पत्रकार