IPL Cricketer Mayank Yadav Story: एक दौर था जब भारतीय क्रिकेट टीम में महाराष्ट्र यानी मुंबई का ही दबदबा रहा करता था। गावस्कर, वेंगसरकर, तेंदुलकर मतलब एक तरह से महाराष्ट्र के ही सर्वगुण संपन्न लोग मुंबई के नाम के साथ देश के क्रिकेट का एक तरफा प्रतिनिधित्व करते थे। इस तरह एक तरफ मुंबई और एक तरफ पंजाब, हरियाणा के निखंज कपिल देव के नाम से भारत का क्रिकेट दुनिया में जाना जाता था।
जब मुंबई लॉबी का घाटा प्रभाव: छोटे शहरों का क्रिकेट में बढ़ा महत्व
उसके बाद दौर आया बंगाल के सौरव गांगुली का जिन्होंने मुंबई लॉबी के प्रभाव को कम करते हुए टीम इंडिया को क्रिकेट में एक नई दिशा दी। गांगुली के बाद ही उनके बंगाल से ही सटे छोटे से झारखंड से एक धूमकेतु तारा महेंद्र सिंह धोनी आया, जिसने भारत को करीब 28 सालों बाद विश्व कप का विजेता बना दिया और सचिन तेंदुलकर जो कि विश्व कप के लिए तरस रहे थे। उन्हें विश्व कप का खिताब दिलाया। धोनी के आने के बाद देश के छोटे-छोटे शहरों से भी क्रिकेट के बड़े खिलाने निकलने लगे।
फिर दुनिया ने देखा विराट रूप
इस तरह से क्रिकेट में अपना शानदार योगदान देकर धोनी ने देश में छोटे शहरों के महत्व को भी बढ़ा दिया। तेंदुलकर के बाद तो राजधानी दिल्ली के विराट कोहली ने तो एक तरह से अपने युग को फिटनेस की नई परिभाषा देते हुए मुंबई महाराष्ट्र लॉबी की चली आ रही हमेशा की परंपरा को भारतीय क्रिकेट में ध्वस्त करते हुए टी 20 के एक नए चमकीले युग में अपना नाम सुनहरे शब्दों के साथ अंकित कर दिया। यहां तक की सचिन तेंदुलकर के वनडे क्रिकेट को के 49 शतकों के रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
वर्तमान में विराट कोहली अपनी फिटनेस और तकनीक कला से खेलते हुए अभी भी देश के क्रिकेट के सबसे बड़े आइकॉन बने हुए हैं। उनकी बैटिंग देख कर लग रहा है कि भविष्य में 2029 तक वह क्रिकेट खेल कर सचिन तेंदुलकर के 100 शतकों के रिकॉर्ड को भी तोड़ देंगे।
अब तो सितारों की फौज हर जगह से है तैयार
देश में आईपीएल के तड़के के बीच हर शहरों से प्रतिभावान खिलाड़ी आ रहे हैं। आर अश्विन से लेकर रवींद्र जडेजा गायकवाड तक कई बड़े खिलाड़ी आईपीएल की वजह से देश को मिल चुके हैं। इसी क्रम में देश के सबसे बड़े सूबे बिहार के छोटे से कस्बे सुपौल के नवोदित तेज़ गेंदबाज मयंक यादव भविष्य में देश को आईपीएल की बहुत बड़ी देन साबित हो सकते हैं।
इस साल का सेंसेशन: मयंक यादव – IPL Cricketer Mayank Yadav Story
मयंक यादव आईपीएल के इस साल के एक नए सेंसेशनल सितारा हैं। उत्तर प्रदेश की लखनऊ टीम से आईपीएल खेल रहे मयंक यादव भारत के सबसे तेज गेंदबाज साबित हो सकते हैं। अगर उनको सही ढंग से प्रशिक्षण दिया गया तो देश के इतिहास में वो हो जाएगा, जो अभी तक नहीं हुआ है। मतलब भारत को एक नया स्पीड स्टार शोएब अख्तर, इमरान खान, वसीमअकरम, ज्योफ थामसन, और डेनिस लिली के नवीनतम संस्करण के साथ मिल जाएगा।
मयंक यादव ने डाली आईपीएल इतिहास की सबसे तेज़ गेंद
हाल ही में भयंक यादव ने आईपीएल की 155.8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली सबसे तेज़ गेंद फेक कर अपने आप को देश में प्रसिद्ध कर दिया है। मयंक यादव आज़ टीम इंडिया का नया स्पीडस्टर नाम हो गया है।
147, 146, 150, 141, 147, 149, 156, 150, 142, 144, 153, 149, 152, 149, 147, 145, 140, 142, 153, 154, 155.8 किलोमीटर जैसी गेंद मयंक का नया कारनामा है। मयंक यादव की अपने पहले ही मैच ये स्पीड रही है। सबसे तेज गेंद 156 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से फेंक कर देश को दुनिया के तेज़ गेंदबाजों के खौफनाक आक्रमण की याद दिला दी है।
मयंक ने देश को यह सोचने के लिए समय दे दिया है कि उनकी बेजान पिचों में भी लिली, थामसन और शोएब अख्तर का संस्करण पैदा हो सकता है। गुज़रे ज़माने के तेज़ गेंदबाज ज़हीर ख़ान कहते हैं कि मयंक यादव को पर्याप्त मौके दिए जाने चाहिए ताकि उनका करियर और सुनहरा हो जाए। ख़ान कहते हैं कि बस बीसीसीआई मयंक यादव को अगला उमरान मलिक न बना दे। उमरान मलिक भी कभी अपनी रफ़्तार के लिए जाने जाते थे पर आज़ वह क्या कर रहे हैं, यह किसी को पता नहीं।
विराट के बाद मयंक यादव को भी गौतम गंभीर ने दिया प्रोत्साहन
कभी टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली को उनके पहले वनडे शतक पर अपने शतक की वजह से खुद को मिले अपने मैन ऑफ द मैच के अवार्ड को कोलकाता के ईडन गार्डन गार्डन में 2009 में सौंप कर गौतम गंभीर ने अपने बड़े दिल का परिचय दिया था। यही गौतम गंभीर देश के 2011 के विश्व कप की खिताबी जीत में 97 रनों की पारी खेली थी।
गौतम गंभीर ने हमेशा से क्रिकेट के छोटे-छोटे खिलाड़ियों को आगे आने में अपना हर प्रोत्साहन दिया। लखनऊ सुपरजॉइंट टीम के कोच गौतम गंभीर ने मयंक यादव को भी चुनकर उनकी प्रतिभा को और निखरने का मौका दिया है। नतीजा सबके सामने है।
पिता प्रभु यादव का बलिदान आया काम
बिहार के सुपौल के रहने वाले मयंक यादव के पिताजी प्रभु यादव आज काफी गर्वित होकर प्रसन्नता महसूस कर रहे हैं। प्रभु सबसे पहले मयंक को 4 साल की उम्र में ग्राउंड ले गए। और वहां उनसे पूछा कि क्या क्रिकेट खेलोगे, तो मयंक ने कहा कि जैसी आपकी मर्जी। तो इसी मर्ज़ी ने आज देश को एक स्पीड स्टार के रूप में नई आशा दी है। मयंक को लखनऊ ने 20 लाख रुपए की बेस प्राइस में खरीदा है।
दिल्ली के पंजाबी बाग में रहने वाले 21साल के मयंक यादव ने पहले रोहतक रोड के जिमखाना क्लब और बाद में सोनेट क्लब से प्रशिक्षण लिया। बिहार से दिल्ली जाकर मयंक के पिता प्रभु यादव ने काफी संघर्ष किया तभी उनको इस तरह की खुशी के अवसर मिले हैं।
बीसीसीआई का पूर्ण समर्थन मिलना है ज़रूरी
बीसीसीआई के बड़े अधिकारियों को मयंक यादव को पूरा समर्थन अब मिलना चाहिए। उनकी देखरेख में भरण पोषण, पालन पोषण में बीसीसीआई की पैनी निगाह होनी चाहिए। अगर मयंक यादव का पालन पोषण बेहतर ढंग से हो गया तो देश को एक नया तेज़ गेंदबाज अवश्य मिल जाएगा।
नॉनवेज से कोसों दूर और सिर्फ शाकाहार और हरी सब्जियों से ही अपनी एनर्जी को पैदा करने वाले मयंक यादव पूर्णतः भारतीय तेज गेंदबाज का एक नया सुनहरा आयाम हो सकते हैं।मयंक यादव को उज्जवल भविष्य की स्वर्णिम कोटि कोटि शुभकामनाएं।
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