Satyajit Ray wanted to make Guide with Waheeda Rehman much before Dev Anand

Satyajit Ray wanted to make Guide Movie with Waheeda Rehman: देवानंद की ‘गाइड’ फिल्म किसी परिचय का मोहताज नहीं है, फ़िल्म की लाजवाब  पथकथा, उसके अमर गीत, सिनेमैटोग्राफी और विजय आनंद का निर्देशन सब अपने ज़माने से बहुत आगे के थे। आज तक यह बहुचर्चित फिल्म हर विभाग में उत्कृष्टता की लिए याद की जाती है। हैरानी की बात यह है कि सत्यजीत रे ने एक बार आर. के. नारायण के की उल्लेखनीय रचना  गाइड को अडैप्ट कर के एक फिल्म बनाने की योजना बनाई थी। इस से ज़्यादा और चौंका देने वाली बात थी कि कि वह अपनी फिल्म में रोज़ी का चरित्र निभाने के लिए किसी और को नहीं बल्कि वहीदा रहमान को कास्ट करना चाहते थे। 

सत्यजीत रे वहीदा रहमान के साथ गाइड बनाना चाहते थे (Satyajit Ray wanted to make Guide Movie with Waheeda Rehman)

Satyajit Ray wanted to make Guide Movie with Waheeda Rehman
Satyajit Ray wanted to make Guide Movie with Waheeda Rehman

वहीदा रहमान ने एक पुराने इंटरव्यू में सत्यजीत रे की इस मंशा के बारे में ख़ुलासा  किया था। उन्होंने बताया उसने बताया कि कैसे रे ने व्यक्तिगत रूप वहीदा से गाइड उपन्यास साँझा किया था और यह कहा था कि अगर इस फ़िल्म बनाने की उनकी मंशा सरकार तो वह रोज़ी के रोल के लिए उनका सिर्फ़ वहीदा को ही कास्ट करने का इरादा है। रे के अनुसार उन्हें इस बात पर विश्वास था कि वहीदा का चयन उस भूमिका के लिए बिल्कुल उपयुक्त होगा।

इसके पीछे कारण यह भी था कि रे की धरना थी कि दक्षिण भारतीय होने की वजह से वहीदा स्वाभाविक रूप से थे एक कुशल नृतिकी हैं जो इस पात्र को अच्छे से निभाने के लिए अनिवार्य है। 

भाग्य को कुछ और मंज़ूर था और देव आनंद बने गाइड

Waheeda Rehman and Dev Anand in Guide देवानंद से कहीं पहले, सत्यजीत रे वहीदा रहमान के साथ गाइड फ़िल्म बनाना चाहते थे
Dev Anand and Waheeda Rehman in Guide

इन सब बातों के के बाद भी, भाग्य को कुछ और ही मंज़ूर था। वहीदा रहमान को आश्चर्य हुआ, जब कुछ साल बाद, उन्हें पता चला वह जाने माने अभिनेता और निर्माता देव आनंद ने यह प्रोजेक्ट अपने हाथ में लिया था। जब वहीदा ने  रे के बारे में पूछताछ की और यह बात जानना चाही कि क्या इस फिल्म में सत्यजीत रे की भी भागीदारी होगी तो देव आनंद ने बताया उन्हें  बताया कि वह रे के इस विषय में पहले रुचि होने से वाकिफ थे लेकिन बाद में देव ने पुस्तक के अधिकारों को स्वयं अधिग्रहण कर लिया है। 

वहीदा के अनुसार सत्यजीत रे की गाइड अगर बनती तो कुछ और बात होती

वहीदा ने अपने इंटरव्यू में यह बात भी कही थी कि सत्यजीत रे अगर यह फिल्म बनाते तो उनका इस फिल्म के प्रति कुछ और ही दृष्टिकोण होता। वहीदा का कहना था कि शायद जो विजय आनंद और देवानंद ने गाइड फिल्म बनाई है उस फ़िल्म से रे की गाइड बहुत ज्यादा भिन्न होती। आगे वहीदा ने कहा कि शायद रोज़ी का चरित्र निभाना निश्चित रूप से उनकी क़िस्मत में ही लिखा था चाहें कई भी निर्देशक होता।

उन्होंने यह भी ख़ुलासा किया था कि उस ज़माने की अन्य प्रसिद्ध अभिनेत्रियाँ जैसे पद्मिनी और लीला नायडू इस करैक्टर को करने के लिए बहुत उत्सुक थीं और उन्होंने वहीदा से संपर्क करके उन्हें इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर करने पर विचार करने को भी कहा था।

सत्यजीत रे का वहीदा रहमान को दिया आश्वासन

दिल छू लेने वाले रहस्योद्घाटन में वहीदा ने यह भी साझा किया था कि रे ने उनको आश्वासन दिया था कि की कभी भी उन्होंने कोई हिंदी फिल्म बनाई तो वहीद को कोई अच्छी भूमिका जरूर देंगे। और हुआ भी कुछ ऐसा ही। अपने वचन के प्रति सच्चे, वर्षों बाद जब सत्यजीत रे ‘शतरंज के खिलाड़ी’ का निर्माण कर रहे थे तो उन्होंने वहीदा से संपर्क किया। हालाँकि बाद में उन्हें लगा कि इनमें से कोई भी भूमिका वहीदा के लिए उपयुक्त नहीं थीं। शायद रे अपने आश्वासन की प्रतिबद्धता का सम्मान करना चाहते थे। 

वहीदा ने जब रे के साथ काम किया

abhijan starring Waheeda Rehman directed by Satyajit Ray देवानंद से कहीं पहले, सत्यजीत रे वहीदा रहमान के साथ गाइड फ़िल्म बनाना चाहते थे
Abhijan starring Waheeda Rehman Soumitra Chatterjee directed by Satyajit Ray

वहीदा को सत्यजीत रे के निर्देशन में केवल एक 1962 की फिल्म, ‘अभिजान’ में काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जहां उन्होंने ‘गुलाबी’ नाम के किरदार को बख़ूबी निभाया था। गुलाबी नाम के इस किरदार के संवाद भोजपुरी और बंगाली का मिश्रण थे। अभिनेत्री वहीदा रहमान सत्यजीत राय के बारीकी से काम करने की क्षमता की क़ायल थी। उनके हिसाब से सत्यजीत रे के द्वारा किया गया अधिकतर कार्य अपने समय से काफी आगे का था। रे अपने काम को बहुत गंभीरता से लेते थे।

उस ज़म्माने में भी रे विस्तृत स्टोरीबोर्ड पर विश्वास करते थे जो उन दिनों में असामान्य बात थी। रे का प्रत्येक शॉट का गहराई और  सटीकता से दिया गया विवरण और उनके हर स्क्रिप्ट और कार्य में अपार स्पष्टता की वहीदा ने बहुत प्रशंसा कड़ी थी। 

क्या होती सत्यजीत की गाइड विजय आनंद और देव की गाइड जितनी लोकप्रिय?

वहीदा की इस बात को सुनने के बाद हम भी इस गहरी सोच में पड़ गए कि अगर सत्यजीत रे द्वारा गाइड बनाई गई होती तो शायद उसका स्वरूप कुछ और ही होता। लेकिन इस महज़ ख़्याल भर से विजय आनंद द्वारा बनाई गई ‘गाइड’ फ़िल्म की ख़ूबियों को हम नज़रअन्दाज़ नहीं कर सकते। दोनों फ़िल्मों की तुलना नहीं करी जानी चाहिए।

विजय आनंद का निर्देशन, एस.डी.बर्मन का संगीत, देवानंद और वहीदा की केमिस्ट्री, शैलेंद्र के गीत, रफ़ी, लता, मन्नाडे की आवाज़ें सारा का सारा जादू अभूतपूर्व था। शायद सत्यजीत रे का बनाने का तरीका कुछ और होता और शायद उनकी शैली की फ़िल्म इतनी लोकप्रिय ना होती।  आपकी इस विषय में आपकी क्या राय और कल्पना है हमसे ज़रूर साझा करें।

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