देवानंद फिल्म इंडस्ट्री के सबसे शानदार कलाकारों में से एक थे। कमाल के अभिनेता, निर्देशक, निर्माता और लेखक होने के अलावा देव आनंद एक बेहद बुद्धिमान व्यक्ति थे
देव आनंद की पत्नी कल्पना आनंद (कार्तिक) ख़ुद एक उम्दा अदाकार थीं और अपने ज़माने में अपनी एक्टिंग और ख़ूबसूरती के लिए जानी जाती थीं।
देवानंद का भारतीय सिनेमा के लिए जो योगदान है उसे सभी सिनेप्रेमी जानते हैं मगर बहुत कम लोग उनके परिवार के सदस्यों ख़ासकर उनके बेटे और बेटी के बारे में जानते हैं।
देव और कल्पना के दो बच्चे हैं बेटी देविना आनंद और बेटा सुनील आनंद।
देव आनंद जैसे मशहूर सितारे के बच्चे होने के बावजूद सुनील और देविना दोनों ही लाइमलाइट से दूर रहना पसंद करती हैं मगर हैं बड़े होनहार।
देविना आनंद अच्छी पर्सनालिटी होने के बावजूद लाइमलाइट से दूर रहती हैं। उनकी बॉबी नारंग से शादी की थी, जो पेशे से पायलट थे।
हालाँकि, उनकी शादी लंबे समय तक नहीं चल सकी।इसके बाद देविना ने हरजिंदर पाल सिंह देओल से दूसरी शादी करने का फैसला किया।
देविना आनंद की एक बेटी हैं जिनका नाम गिना आनंद है। गिना यूँ यो देव आनंद की नातिन हैं लेकिन यह बात बहुत कम लोग जानते हैं।
गिना आनंद काफी खूबसूरत हैं और एक फैशन फोटोग्राफर हैं।
देव आनंद के बेटे सुनील आनंद का जन्म 30 जून 1956 को हुआ था। सुनील ने अभिनय की दुनिया में कदम रखने से पहले वाशिंगटन में अमेरिकन यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री हासिल की थी।
1984 में उनकी पहली फिल्म "आनंद और आनंद" आई, जहां उन्होंने पहली बार अपने पिता देव आनंद के साथ स्क्रीन साझा की। अफसोस, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं चल पाई।
उनकी दूसरी फिल्म, "कार थीफ़" में वह विजया पंडित के साथ नजर आए। दोनों की जोड़ी खूब जँचने के बावजूद फिल्म को सफलता नहीं मिल पाई।
फिर देव आनंद ने "मैं तेरे लिए" नामक एक और फिल्म का निर्माण किया, जिसमें सुमेल के साथ राजेंद्र कुमार, आशा पारेख और मीनाक्षी शेषाद्रि थे। फिल्म के गानों को दर्शकों को पसंद आए लेकिन यह सुनील की लगातार तीसरी फ्लॉप साबित हुई।
एक अभिनेता के रूप में सुनील की चौथी और अंतिम फिल्म 2001 में "मास्टर" थी, जिसे उन्होंने स्वयं निर्देशित किया था। यह फिल्म भी उनके करियर को पुनर्जीवित नहीं कर सकी। इसके बाद, सुनील अभिनय छोड़, निर्देशन और फ़िल्म निर्माण शुरू कर दिया।