When Sachin Tendulkar played for Pakistan against India

हमें मालूम है कि अगर हम आपको कहें कि क्रिकेट के गॉड यानी तेंदुलकर ने भारत में भारत के लिए डेब्यू करने से बहुत पहले पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेला है तो आप हैरान हो जाएंगे। चौंक गए ना? लेकिन यह बात सौ फ़ीसदी सच है कि सचिन तेंदुलकर ने अपने डेब्यू से पहले ही पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेला है। (When Tendulkar played for Pakistan against India)

कैसे तेंदुलकर ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का स्वाद चखा 

यह बात कौन सा क्रिकेट प्रेमी नहीं जानता होगा कि 1989 में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लिए सचिन तेंदुलकर ने अपना ऐतिहासिक डेब्यू मैच खेला था। हालाँकि, यह बात कम ही लोग जानते हैं कि तेंदुलकर को पहली बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का का स्वाद तब मिला जब वह पाकिस्तान टीम के लिए मैदान पर उतरे थे। यह घटित हुआ था मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में जब पाकिस्तान भारत के खिलाफ खेल रही थी। अपने सोचने की बात यह है कि सचिन ने पाकिस्तान के लिए क्यों खेला होगा। आगे पढ़िए सब मालूम हो जाएगा। 

तेंदुलकर की आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’ के हवाले से 

तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माई वे’ में 1987 में इस घटना  का ज़िक्र किया है जब उन्होंने अपने डेब्यू से दो साल पहले पाकिस्तान के लिए मैदान में उतरे थे। 

Tendulkar's book Playing it my way

इमरान ख़ान को शायद भी ना हो वह घटना 

मास्टर ब्लास्टर तेंदुलकर का मानना है कि उस वक़्त के तत्कालीन पाकिस्तान कप्तान इमरान खान को मैदान में सचिन का इस्तेमाल करना शायद याद तक ना हो। तेंदुलकर ने अपनी किताब में लिखा, “मुझे नहीं पता कि इमरान खान को यह याद है या नहीं या उन्हें इस बात का अंदाजा है कि मैंने एक बार उनकी पाकिस्तान टीम के लिए फील्डिंग की थी।”

जावेद मियांदाद और अब्दुल कादिर के कारण से तेंदुलकर पाकिस्तान के लिए खेले  

मास्टर ब्लास्टर आगे याद करते हैं कि पाकिस्तान के क्रिकेटर जावेद मियांदाद और अब्दुल कादिर लंच ब्रेक के दौरान मैदान से बाहर चले गए थे। स्टैंडबाय फील्डर के रूप में, सचिन को मेहमान विज़िटिंग टीम पाकिस्तान के लिए फील्डिंग करने के लिए कहा गया था। 

पाकिस्तान की तरफ़ से कपिल देव को आउट करने से चुके थे तेंदुलकर  

आगे तेंदुलकर ने एक और घटना का भी जिक्र किया है जो बड़ी मज़ेदार है। सचिन ने बताया कि कैसे उन्होंने मैच में कपिल देव का कैच लगभग लपक लिया था। सचिन लिखते है कि काफी दूर तक दौड़ने के बावजूद वह गेंद तक नहीं पहुंच सके और कपिल आउट होने से बच गये। 

उन्होंने बताया कि अगर उन्हें लॉन्ग-ऑन के बजाय मिड-ऑन पर रखा गया होता, तो वह पाकिस्तान के लिए कई विकेट लेने में हिस्सेदार हो सकते थे।

तेंदुलकर का वास्तव में डेब्यू 

वैसे अगर बात करी जाए सचिन तेंदुलकर के डेब्यू की, तो 1989 के अंत में पाकिस्तान के भारतीय दौरे के लिए तेंदुलकर के चयन का श्रेय राज सिंह डूंगरपुर को दिया जाता है।भारतीय चयन समिति ने उस वर्ष की शुरुआत में आयोजित वेस्टइंडीज दौरे के लिए तेंदुलकर को चुनने में रुचि दिखाई थी, लेकिन अंततः उनका चयन नहीं हो पाय था। सचिन इस दौरान बहुत कम उम्र के थे और सिलेक्शन कमिटी नहीं चाहती थी कि वह सिलेक्शन कमिटी थे कि अपने करियर की शुरुआत में ही उन्हें वेस्टइंडीज के धुरिन्दर तेज़ गेंदबाजों का सामना करना पड़ा। 

तेंदुलकर ने नवंबर 1989 में 16 साल और 205 दिन की उम्र में कराची में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया।पाकिस्तान के खिलाफ अपने पहले मैच में सचिन ने 15 रन बनाए और वक़ार यूनुस की गेंद पर बोल्ड हो गए। मज़ेदार बात यह है कि वकार यूनुस ने भी इसी  मैच से अपना डेब्यू किया था। 

कैसे 16 साल के सचिन ने निडर्रता से पाकिस्तान के ख़िलाफ़ खेला (When Tendulkar played for Pakistan against India)

आज भी याद किया जाता है कि कैसे 16 साल के सचिन ने पाकिस्तानी ख़ौफ़नाक तेज़ आक्रमण के ख़िलाफ़ बहादुरी से खेला और अपने शरीर पर लगने वाले कई प्रहारों को कैसे संभाला। सियालकोट में चौथे और अंतिम टेस्ट में, यूनुस द्वारा फेंके गए बाउंसर से उनकी नाक पर चोट लग गई, लेकिन उन्होंने चिकित्सा सहायता लेने से इनकार कर दिया और खून बहने के बावजूद बल्लेबाजी करना जारी रखा।

अब शायद ऐसा कभी ना हो 

खैर यह बातें उन दिनों की थी जब क्रिकेट जेंटलमैन की गेम कहलाया जाता था।आज के दौर में भला ऐसा कभी हो सकता है कि अपने प्रतिबंध प्रतिबंधी और ख़ास करके पाकिस्तान की टीम के लिए कोई भारतीय खिलाड़ी फील्डिंग करे, चाहें एक सब्सीट्यूट के तौर पर ही सही? अब ना तो सचिन तेंदुलकर जैसा महान बल्लेबाज कभी दोबारा खेलेगा और ना ही शायद कभी ऐसा होगाकी कोई खिलाड़ी अपने खिलाफ खेल रही टीम के लिए फील्डिंग करें।

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