Story behind Invention of Sunglasses: हम सभी जानते हिं कि धूप का चश्मा आंखों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इसे गोगल्स, सन ग्लासेज और शेड्स नामों से भी आप जानते ही होंगे। यह मुख्यतः प्रभावी रूप से तेज धूप से हमारी आंखों की क्षति से बचाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। लेकिन इस उपयोगिता के अलावा इसका इस्तेमाल एक ज़रूरी फैशन एक्सेसरी के तौर पर भी किया जाता हैं।
बॉलीवुड का चश्मों से प्यार
बॉलीवुड में हीरो हो या हेरोइन धूप के चश्में के बिना जैसे जचता ही नहीं। राजेश खन्ना का बड़े फ्रेम वाला चश्मा हो या अमिताभ बच्चन का डॉन फिल्म में पारदर्शी चश्मा, बॉलीवुड में चश्मों ने एक्टर के करैक्टर को निखारने में एक बड़ा योगदान दिया है। राजा बाबू फिल्म में गोविंदा किस तरह से चश्में बदल बदल मनोरंजन करते हैं कौन भूल सकता है।
आप सभी को दबंग में सलमान खान के ज़बरदस्त एविएटर चश्मा भी ज़रूर याद होगा, जिसे उन्होंने कालर के पीछे टांग कर एक अलग ही स्टाइल स्टेटमेंट का इजाद करा था। इसी तरह श्रीदेवी, करीना कपूर और दीपिका भी अपने सन ग्लासेज के लिए अक्सर चर्चों में रहतीं रही हैं।
कैसे हुआ था धूप के चश्में का आविष्कार – Invention of Sunglasses
कहां फिल्मों की बातों में कहां भटक गए हम लोग, चलिए असली मुद्दे पर आते हैं कि धुप के चश्में का किन परिस्थितियों में आविष्कार हुआ। बात है 12 वीं शताब्दी की जब चीन में पहली बार चश्मे का प्रयोग किया गया था। दर असल इन चश्मों को चीन में नयय्धीशों के लिए बनाया गया था।
न्यायाधीश गवाहों से पूछताछ के दौरान अपने चेहरे के हाव भाव और अपनी भावनाओं को उजागर ना होने दें इसलिए चश्मा पहन लेते थे। इन चश्मों को स्मोकी क्वार्ट्ज से बनाया गया था। यकीन नहीं आता कि जिस धूप के चश्में को 12 वीं शताब्दी में अपने हाव भाव को छुपाने के लिए उपयोग में लाया गया था, आज उसे पहनने से लोगों के भाव बढ़ जातें हैं और वह खुद को किसी हीरो हीरोइन से कम नहीं समझते।
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