Tongue Print in Biometrics

What is Tongue Print Biometric: अक्सर पुरानी फ़िल्मों और टीवी सीरियल में हमने देखा है कि कैसे किसी कातिल को अंत में आख़िरकार फिंगर प्रिंट (Finger Print) के द्वारा पहचाना जात है। कई बार अपराधी अपने उँगलियों के निशान मिटा कर सबूत मिटा देते हैं। फिर ज़माना आया चेहरे की पहचान या Face Recognition का।

फ़िल्मों में इसका भी संदर्भ मिलने लगा और स्मार्ट फ़ोन के आने के बाद हम आम तौर पर इसे इस्तेमाल करते ही हैं फिंगर प्रिंट और चेहरे की पहचान जैसी बायोमेट्रिक तकनीकों के बाद, जीभ का निशान (टंग प्रिंट) एक उभरती हुई तकनीक है जो सुरक्षा और पहचान के क्षेत्र में क्रांति ला सकती है। आइए Tongue print के बारे में कुछ विशेष जानकारी प्राप्त करें। 

जीभ का निशान क्या है – What is Tongue Print Biometric?

जीभ का निशान, जीभ की सतह पर मौजूद अनोखे पैटर्न को दर्शाता है। यह पैटर्न उंगलियों के निशान की तरह ही स्थायी और अद्वितीय होता है। आपकी जीभ में कई लकीरें, झुर्रियाँ, टांके और निशान होते हैं जो अद्वितीय होते हैं।जीभ के निशान पहचान का निर्विवाद प्रमाण बन सकते हैं।

क्या आप जानते हैं कि प्रत्येक मनुष्य की जीभ की छाप अलग-अलग होती है?

Tongue Print is teh future of Biometrics जीभ का निशान (Tongue print): क्या यह बायोमेट्रिक पहचान का भविष्य है?
Tongue Print Biometric – the future

सभी उंगलियों के निशान अद्वितीय हैं और हम यह जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आप अपनी जीभ की छाप लेते हैं, तो वह छाप भी दुनिया में किसी और की जीभ से अलग विशिष्ट पहचान चिह्न दिखाएगी? जी हां, वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि उंगलियों के निशान की तरह जीभ के निशान भी अनोखे होते हैं।

वाह, इसका मतलब है कि भविष्य में पहचान सत्यापन उद्देश्यों के लिए इसका प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है। क्या यह सचमुच अच्छा नहीं है? जब अपराधियों को पकड़ने की बात आती है तो पहचान सत्यापन के लिए जीभ के निशान का उपयोग करना निश्चित रूप से एक महान आविष्कार हो सकता है।

यह कैसे काम करता है Tongue Print Biometric?

टंग प्रिंट तकनीक जीभ की सतह को स्कैन करती है और पैटर्न को डिजिटल रूप में रिकॉर्ड करती है। इस डेटा का उपयोग बाद में पहचान के लिए किया जा सकता है।

जीभ के निशान कैसे लिए जाते हैं और उनका मूल्यांकन कैसे किया जाता है? 

आपकी अनूठी जीभ की विशेषताओं को ‘जीभ छवि प्राप्त करने वाले उपकरण’ का उपयोग करके रिकॉर्ड किया जाता है, जो मूल रूप से एक उच्च तकनीक वाला डिजिटल कैमरा है। इस डेटा को बाद में एक जीभ डायग्नोस्टिक सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके संसाधित किया जाता है जो विभिन्न चमकीले रंगों में अंग के सबसे छोटे विवरण को पुन: पेश करने में सक्षम है। जीभ की अनूठी विशेषताओं का विश्लेषण करने के लिए इन विवरणों को विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग करके आगे संसाधित किया जाता है।

जीभ विज्ञान

शोधकर्ताओं के अनुसार, जीभ की छाप के लिए दो मुख्य विशेषताएं मापी जाती हैं। सबसे पहले जीभ का आकार है. हमारी जीभ के ऊपरी भाग में एक अनोखी ज्यामितीय आकृति होती है। उदाहरण के लिए, कुछ लोगों की जीभ लंबी होती है, जबकि अन्य की छोटी। दूसरा कारक जिसका अध्ययन किया गया है वह है जीभ की शारीरिक बनावट। आपकी जीभ में कई लकीरें, झुर्रियाँ, टांके और निशान होते हैं जो फिंगरप्रिंट लकीरों की तरह ही अद्वितीय होते हैं।

जीभ का प्रिंट फिंगर प्रिंट से ज़्यादा ठोस प्रमाण लेकिन क्या है उलझन 

a criminal trying to do crime जीभ का निशान (Tongue print): क्या यह बायोमेट्रिक पहचान का भविष्य है?
A criminal trying to stealthly commit crime

जीभ का प्रिंट, बायोमेट्रिक्स के लिए एक ठोस प्रमाण है लेकिन उंगलियों के निशान के विपरीत, आपको अपराधियों को हर जगह बेतरतीब ढंग से अपनी जीभ के निशान छोड़ते हुए ढूंढना मुश्किल होगा। आख़िरकार, यह मुंह के अंदर अच्छी तरह से छिपा हुआ है और तब तक निशान नहीं छोड़ेगा जब तक कि व्यक्ति स्वयं ऐसा करने का निर्णय नहीं लेता।

अब कोई अपराधी अपराध करते वक़्त अपनी जीभ का निशान छोड़े ऐसा सूचना भी बेवक़ूफ़ी भरा लगता है। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार यह इसे बायोमेट्रिक्स के लिए और भी दिलचस्प तकनीक  बनाता है क्योंकि यह पहचान का एक निर्विवाद प्रमाण बन जाता है।

बायोमेट्रिक्स की दुनिया

एक बायोमेट्रिक-स्कैनिंग डिवाइस जैसा कि आपने अपना पासपोर्ट बनवाते समय अनुभव किया होगा, आपकी शारीरिक (कभी-कभी व्यवहारिक) विशेषताओं के बारे में डेटा लेता है और फिर इसे डिजिटल जानकारी में परिवर्तित करता है। इस जानकारी को जरूरत पड़ने पर पढ़ा और एक्सेस किया जा सकता है। 

एक बार जब आपकी बायोमेट्रिक जानकारी संग्रहीत हो जाती है, तो आपको अपनी पहचान जांच के लिए कुंजी टैग या स्मार्ट कुंजी या आईडी कार्ड जैसी कोई अन्य चीज़ अपने साथ ले जाने की आवश्यकता नहीं होती है। 

आईडी कार्ड और चाबियों जैसे अन्य तरीकों की तुलना में बायोमेट्रिक्स पहचान के रूप में कहीं अधिक सफल और अचूक है, जो कभी खो नहीं सकता है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उनके साथ छेड़छाड़  भी नहीं की जा सकती।

टंग प्रिंट के लाभ (Benefits of Tongue Print Biometric):

  1. उच्च सुरक्षा: जीभ का निशान जाली बनाना बहुत मुश्किल है, जिसके कारण यह उच्च सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. गैर-संपर्क तकनीक: यह तकनीक गैर-संपर्क है, जिसके कारण यह स्वास्थ्यकर और स्वच्छ है।
  3. उपयोग में आसानी: जीभ का स्कैन करना आसान और सुविधाजनक है।
  4. सटीकता: टंग प्रिंट तकनीक अत्यधिक सटीक है।

टंग प्रिंट के उपयोग:

  1. सुरक्षा और पहचान: स्मार्टफोन, लैपटॉप, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनलॉक करने के लिए, बैंकिंग और अन्य वित्तीय लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए, सरकारी और निजी संस्थानों में प्रवेश नियंत्रण के लिए।
  2. कानून प्रवर्तन: अपराधियों की पहचान करने के लिए।
  3. स्वास्थ्य सेवा: रोगियों की पहचान करने के लिए, चिकित्सा रिकॉर्ड तक पहुंच प्रदान करने के लिए।

टंग प्रिंट के बारे में चिंताएं:

  • गोपनीयता: जीभ का निशान व्यक्तिगत डेटा का एक संवेदनशील हिस्सा है, जिसके कारण गोपनीयता संबंधी चिंताएं हैं।
  • तकनीकी चुनौतियां: टंग प्रिंट तकनीक अभी भी विकास के शुरुआती चरण में है और कुछ तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

जीभ का निशान बायोमेट्रिक पहचान का एक आशाजनक भविष्य है। यह उच्च सुरक्षा, गैर-संपर्क तकनीक, और उपयोग में आसानी प्रदान करता है। हालांकि, गोपनीयता और तकनीकी चुनौतियों का समाधान करना महत्वपूर्ण है। जीभ मानव शरीर की सबसे मजबूत मांसपेशियों में से एक है।

दार्शैकों ने भी कहा है जीभ द्वारा निकाले गये शब्द कभी वापस नहीं आते। अब वैज्ञानिकों ने भी साबित कर डाई कि अपनी जीभ का सावधानी उपयोग करें, कहीं आगे जाकर यह आपको मुसीबत में ना डाल दे।

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