Why Mosquito Bites: कौन से लोग होते हैं मच्छरों के शिकार
हम में से कई लोगों को ऐसा महसूस होता है कि मच्छर हमें जरूरत से ज्यादा काटते और ढूंढ-ढूंढकर काटते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह सच बात है कि मच्छर कुछ लोगों को विशेष तौर पर ज़्यादा काटते हैं। तो अगली बार कोई यह कहे कि मच्छर मेरे पीछे पड़े रहते हैं तो ऐसा ना सोचे कि वो शख्स बढ़ा चढ़ा कर अपनी बात बोल रहा है। उसकी बात में कुछ सच्चाई भी हो सकती है।
क्या यह सच है कि मच्छर कुछ लोगों को अधिक काटते हैं
हैरत करने वाली बात यह है कि मच्छर कई बार भीड़ में से भी कुछ खास लोगों को ही काटते हैं। इस पर काफी विशेषज्ञों ने शोध भी की है और उनकी रिसर्च में ऐसे कारण बताए गए हैं जो इस विषय में प्रकाश डालते हैं। मच्छरों कुछ लोगों को ही क्यूँ अधिक क्यों अधिक काटते हैं इस इसके पीछे के कारण जानने के बाद आप हैरान हो जाएंगे। तो अगली बार कोई यह कहे कि शायद मेरा खून ज़्यादा मीठा है, इसलिए मुझे मच्छर ज़्यादा काटते हैं, तो उन्हें असली वजह बताए। आइए जानें कि आख़िर ये वजह(why Mosquito bites) है क्या।
आपका ब्लड ग्रूप टाइप
बहुत सी शोधों अनुसार, Blood Group O मच्छरों को ज़्यादा पसंद होता है। मच्छर ब्लड ग्रुप O वाले व्यक्तियों की तरफ अधिक आकर्षित होते हुए देखे गए हैं। साथ ही साथ ये भी दर्ज किया गया है कि जिन लोगों का मेटाबॉलिक रेट अधिक होता है, मच्छर उनकी तरफ ज़्यादा आकर्षित होते हैं इसीलिए प्रेग्नेंट औरतें और मोटे लोग जिनका की मेटाबॉलिक रेट ज़्यादा होता है उन्हें मच्छरों के काटने की संभावना अधिक बन जाती है।
पसीना और महक
कमाल की बात ये है कि मच्छरों में खुशबू और बदबू दोनो सूंघने की क्षमता होती है। हमारे पसीने के माध्यम से शरीर से कई कंपाउंड निकलते हैं जैसे की ऐसे लैक्टिक एसिड, अमोनिया इत्यादि। तो इन सब से हमारी एक गंध बनती है जिसे अंग्रेजी में Body Odour भी कहते हैं। अगर मच्छरों को आपका Body Odour पसंद आ गया तो सोचिये आपके ख़ैर नहीं, वो आपको काटेंगे ही।
आपकी त्वचा से जुड़े तथ्य
शायद हम में से बहुत से लोगों को इस बात का भान नहीं होगा कि हमारे शरीर पर की त्वचा (skin)पर विभिन्न प्रकार के Bacteria वास करते हैं, जो मैं हमें आम तौर पर कभी नजर नहीं आते। हमारी स्किन के ऊपर जो बैक्टीरिया पाए जाते हैं, यह मच्छरों के लिए एक तरीके का आमंत्रण होते हैं कि आओ और काटो। विभिन्न शोध कार्यो से ज्ञात हुआ है कि जिस व्यक्ति के शरीर पर जितने अधिक बैक्टीरिया होते हैं उतना ही मच्छरों के काटने की संभावना बढ़ जाती है। हमने आमतौर पर इस बात पर भी ग़ौर किया होगा कि मच्छर ज़्यादातर पैरों की ओर अधिक काटते हैं क्योंकि वहाँ पर हमारे पर बैक्टीरिया ज़्यादा होते है।
सोते वक्त बनती गैस
अचरज की बात ये है की हम सोते वक्त सांस कैसे लेते इस पर भी निर्भर करता है कि मच्छर आपको कितना काटेंगे। हम जब सोते हैं तो हम कार्बन-डाइऑक्साइड छोड़ते है प्रोड्यूस करते हैं। मच्छरों को कार्बन-डाइऑक्साइड गैस की अच्छी पहचान होती है। मच्छर अक्सर 5 से 15 मीटर दूर से भी कार्बन डाइऑक्साइड के स्त्रोत को पहचान लेते हैं। जो लोग जितनी लंबी सांस लेते हैं और कार्बन-डाइऑक्साइड प्रोड्यूस करते हैं उतना ही अधिक संभावना है कि मच्छर उनकी ओर आकर्षित होंगे।
Disclaimer: इस लेख में केवल सामान्य जानकारी प्रदान की गई है। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें।
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