
True Story behind Raj Kapoor’s Pyar hua Ikraar hua Song: फिल्म इंडस्ट्री में खासकर के संगीतकार और गीतकार बड़े मूडी किस्म के लोग होते हैं। ख़ासकर के गीतकार और संगीतकार के बीच में एक अनोखा रिश्ता होता है है। इनमें अनोखी टाइमिंग और सामंजस्य होता है, जिसकी बदौलत बेहतरीन से बेहतरीन गीत बनते हैं। लेकिन इनके बीच मन मुटाव हो जाए तो अल्लाह ही मालिक है। ऐसा ही क़िस्सा है गीतकार शैलेंद्र और संगीतकार शंकर का। जब गीतकार शैलेंद्र और संगीतकार शंकर के बीच एक गीत को लेकर ठन गयी तो कैसे हुआ समाधान, आगे पढ़ें इस मज़ेदार किस्से को।

शैलेंद्र और शंकर की अनूठी दोस्ती
कम लोग जानते हैं कि गीतकार, लिरिसिस्ट शैलेन्द्र जी का असली नाम था शंकरदास केसरीलाल। बाद में उन्होंने बदलकर अपना नाम शैलेन्द्र रख लिया। दूसरे तरफ़ थे शंकर जयकिशन संगीतकार जोड़ी वाले शंकर जिनके साथ उन्होंने ना जाने कितने महान से महान गीतों की रचना करी। ख़ैर यह बात सभी संगीत प्रेमी जानते हैं कि शैलेंद्र संगीतकार शंकर जयकिशन के पसंदीदा गीतकार थे। शैलेंद्र की भी जय किशन जी से ज्यादा शंकर जी से बनती थी, लेकिन कभी जब दोनों का किसी बात पर झगड़ लेते तो झगड़ा बहुत खतरनाक मोड़ भी ले लेता था।
बात है एक यादगार फ़िल्मी गीत (Pyar hua Ikraar hua Song) के बनने की
बात उस दौर सुहाने दौर की है जब राज़ कपूर की नई फ़िल्म के लिए दोनों गाना तैयार कर रहे थे। फ़िल्म कोई और नहीं थे उस लाजवाब फ़िल्म का का नाम था श्री 420। इस फ़िल्म के लिए शैलेन्द्र जी ने एक मुखड़ा लिखा। उन्होंने शंकर से सुनने को कहा। बोल कुछ इस तरह थे:
‘प्यार हुआ इकरार हुआ है,
प्यार से फिर क्यों डरता है दिल,
कहता है दिल, रस्ता मुश्किल,
मालूम नहीं है कहा मंज़िल’

जिसका मुखड़ा था इतना शानदार तो अंतरा कैसा होगा
जैसे ही शंकरजी ने मुखड़ा सुना उनके मूंह से वाह निकल पड़ी। शंकरजी बहुत खुश हो गए और उन्हें मज़ा आ गया। वह शैलेंद्र की जी भर के तारीफ़ करने लगे। जब शंकर ने शैलेंद्र के मुखड़े पर तारीफ़ों के पुल बांध दिए तो बारी आइ अंतरे की, शैलेंद्र जी ने अंतरा कुछ यूं सुनाया
‘दिल कहे इस मांग को, मैं तारों से संवार दूँ
तुमसे नया संसार लूँ, तुमको नया संसार दूँ
चाँद और सूरज, दीप गगन के
इस धरती पे उतार दूँ
आहा हा आहा हा, आ’
तारीफ़ों के बीच आया दूसरा अंतरा
यह अंतरा जैसे ही शंकरजी ने सुना वह एक बार फिर शैलेंद्र के क़ायल हो गए। एक बार फिर छिड़ गया तारीफों का पुलिंदा। किसी भी शायर को बस तारीफों की खुराक ही तो चाहिए होती है। फिर क्या, अपनी भरपूर प्रशंसा से शैलेन्द्र जी प्रोत्साहित हो गए और उन्होंने ने झट अगला अंतरा भी लिख डाला। अब अगले अंतरे के बोल कुछ इस तरह थे:
‘रातों दसों दिशाओं से, कहेंगी अपनी कहानियाँ
प्रीत हमारे प्यार की, दोहराएंगी जवानियाँ
मैं न रहूँगी, तुम न रहोगे,
फिर भी रहेंगी निशानियाँ’
ऐसा क्या था दूसरे अंतरे में की शंकर बिदक गए
जैसे ही शंकरजी ने दूसरा मुखड़ा सुना उनके हाव भाव और तेवर एकदम से बदल गए। अचानक वह तो शैलेंद्र जी से आपत्तिजनक लहज़े में बात करने लगे। शंकर जी को शैलेंद्र का अंतरा बेतुका लगा। उनको बोलों से काफी आपत्ति थी खास कर दस दिशाओं वाली बात से। वह बहस भी करने लगे कि दिशाएं तो केवल चार ही होती हैं और शैलेंद्र 10 दिशाओं की बेतुकी बात कह रहे हैं। सुना जाता है इस बात के साथ उन्होंने कुछ अपशब्द भी जोड़ दिए।
शंकर की टिप्पणी पर शैलेंद्र का पलटवार
अपने और अपनी रचना के बारे में ऐसी टिप्पणी सुनकर शैलेंद्र को गुस्सा आ गया। शायद किसी भी शायर को आना स्वाभाविक होता। उन्हें हैरानी हुई कि अभी तो शंकर उनकी तारीफों के पुल बांध रहे थे और अब ऐसे लहज़े में बेइज्जत कर रहें हैं।शैलेंद्र ने भी गुस्से में अनाप शनाप कुछ बोल डाला। उन्होंने यह भी कि शंकर शायरी और कविता के बारे में कुछ नहीं जानते।
दोनो दिग्गजों में बुरी तरह ठन गयी
दोनो दिग्गजों की बीच अब तो ठन गई। बात बढ़ गई और बढ़ती चली गई। मामला अब हाथापाई तक पहुंच गया। कहा जाता है कि इस अनबन ने इतना तूल शंकर शैलेंद्र को मारने के लिए आगे बढ़ें, हालाँकि जयकिशन ने बीच बचाव किया। शंकर चार दशाएं पकड़कर बैठ गए थे और शैलेंद्र 10 में से एक भी कम करने को तैयार न थे।
क्या हुआ जब बात राज कपूर तक पहुँची

झगड़ा इतना बढ़ा की बात राज कपूर साहब के पास तक पहुँच गयी। राज कपूर भागे भागे आए, सारी बात सुनी और बोले कि अभी तक वह भी यही समझते आए थे कि दिशाएँ चार होती हैं लेकिन अगर शैलेंद्र जी कह रहा है कि दिशाएँ 10 होती है तो मैं मान लेता हूँ। अगर ये बात गलत हुई तो दुनिया शैलेंद्र को बुरा कहेगी आप दोनों अपना अपना काम कीजिये। एक दूसरे के काम में टांग मत अड़ायिए । अब जब बॉस राज कपूर ने यह बात कह दी तो आगे कुछ कहने की गुंजाइश नहीं बची थी ।
आख़िर गीत ( Pyar hua Ikraar hua Song ) रिकॉर्ड हो गया
उसके बाद यह गीत रिकॉर्ड हुआ, बोल हुबहू वही रहे जो शैलेंद्र जी ने लिखे थे और यह यादगार गीत सुपर डुपर हिट बना। आज तक किसी ने इसे सुनने के बाद 10 दिशाओं के बारे में आपत्ति दर्ज नहीं की। वास्तविकता में देखा जाए तो हिन्दुओं के वराह पुराण के अनुसार 10 दिशाएँ होती हैं और अब तो नासा ने भी इस चीज़ को स्वीकार किया है वो पहले जिसे एंगल मानते थे वह एंगल नहीं दिशाएँ हैं। ख़ैर शैलेंद्र और शंकर की नोक झोंक खतम हुई और दोनो ने मिकार ना जाने कितने सदाबहार गीतों की रचना करी। दोस्तों में ऐसी तकरार अक्सर होती है और कई बार रिश्ते को और मज़बूत कर देती है।
Untold Facts About Hema Malini
Follow us on Facebook for more such untold Pyar hua Ikraar hua Song Facts.