देश के महानतम पार्श्व गायक मोहम्मद रफी के जीवन पर अब बायोपिक फिल्म बनेगी। हिंदी फिल्मी दुनिया में कई गानों को अपनी अमर आवाज देने वाले सिंगर मोहम्मद रफी के ऊपर इस फिल्म का ऐलान उनके बेटे शाहिद ने 55 वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में किया। महान व्यक्तित्व और उनकी कृति पर फिल्म बनाने से पहले निर्माता निर्देशक के पास काफ़ी दूरदर्शी सृजन की क्षमता होना जरूरी है, तभी महान किरदारों के साथ न्याय हो पाता है।
रफ़ी के किरदार निभाने के लिए क्या रणबीर कपूर सबसे सटीक होंगे या कोई और ? Most Suitable Hero in Mohammed Rafi Biopic
मोहम्मद रफी जैसे अमर गायक पर बन रही इस फिल्म में सबसे पहले तो फिल्म के अभिनेता का चयन काफी सोच विचार कर करना होगा। जब से रफ़ी के बेटे शाहिद रफी ने इस फिल्म के बारे में घोषणा करी है तब से रफी के चाहने वालों में इस बात पर चर्चा गर्म है कि कौन से अभिनेता रफी के किरदार को निभाने में सबसे ज़्यादा नयाय कर सकते हैं।
रणबीर कपूर
वर्तमान दौर में रणबीर कपूर मोहम्मद रफी की भूमिका में सबसे सटीक चयन हो सकते हैं, ऐसा कई फँस का मानना है। लेकिन स्वाल यह है कि क्या रफ़ी की एकदम सरल और पाक छवि वाले चरित्र को रणबीर कपूर बखूबी निभा पाएँगे ? खासकर जब से उनकी एनिमल फिल्म हाल ही में आई है और उसमें उनका हिंसक रूप दर्शकों ने देखा है दर्शकों का रणीर को देखना का नज़रिया बदल गया है। शायद मोहम्मद रफी जैसे कोमल हृदय के इंसान के रूप में शायद रणबीर कपूर को अब फैंस हज़म ना कर सके।
शाहिद कपूर
यह भी चर्चा रही कि शाहिद कपूर इस रोल में जँचेंगे। लेकिन क्या शाहिद का रंग रूप क़द काठी रफ़ी से मेल खाएगा। अब तो शाहिद की सॉफ्ट इमेज भी ख़त्म हो गई है। क्या शाहिद में वह खूबियाँ और टैलेंट है कि वह रफ़ी के किरदार को स्क्रीन पर उतार सकें?
रणवीर सिंह
कुछ लोगों अभिनेता रणवीर सिंह का भी नाम सुझाया है, खासकर कि मोहम्मद रफी के हल्के फुल्के शम्मी कपूर टाइप के गीतों पर उनका मानना है कि रणबीर सिंह जचेंगे । लेकिन क्या उछल कूद करने वाले और एक्स्ट्रा एनर्जी वाले रणवीर सिंह मोहम्मद रफी के गंभीर और शालीन रूप को निभा पाएँगे। यह एक बड़ा प्रश्न है।
सोनू निगम
सोनू निगम मोहम्मद रफी को अपना गुरु बताते हैं और रफी से ही प्रेरित होकर एक गायक बने हैं, ऐसा उन्होंने कई बार ऽदोहराया है। सोनू निगम क्योंकि एक गायक हैं, शायद वह रफी के किरदार निभाने में कुछ हद तक न्याय कर पाएँ ऐसा काफ़ी लोगों का मानना है। सोनू एक अच्छे अभिनेता और मिमिक्री आर्टिस्ट भी है।
यहां पर दो चीज़ों पर चर्चा करना ज़रूरी हैं, एक यह कि रफी की हर उम्र को निभाने में क्या सोनू निगम सफल होंगे और दूसरी बात यह है कि क्या सोनू निगम इसमें अपनी आवाज़ में गीत भी जाएंगे। हालांकि सोनू निगम मोहम्मद रफी से ही प्रेरित हैं और उनकी ही शैली में गीत गाते हैं, लेकिन रफी के पक्के फैन इस बात को हरगिज़ बर्दाश्त नहीं कर पाएंगे कि रफी द्वारा गए हुए गीत सोनू निगम अपनी आवाज में गायें ख़ास कर करके जब बायोपिक मोहम्मद रफी पर बना रही हो।
लेकिन शायद मोहम्मद रफी के बायोपिक को निभाने के लिए सोनू निगम एक अच्छी चॉइस रहें। सुनने में यह भी आया है कि रफ़ी के बेटे शाहिद रफी से सोनू निगम के काफ़ी अच्छे संबंध भी है।
यह तो आने वाला वक्त ही बताया कि मोहम्मद रफी की बन रहे बायोपिक में कौन सा अभिनेता उनका किरदार निभाता है शायद कोई बिल्कुल ही नया चेहरा इस किरदार को निभाए और एक सितारा बन जाए। बहुत से लोग यही मानते हैं कि अमर गायक रफ़ी की फिल्म में उनके असली गीत ही उपयोग में लाए जाने चाहिए तभी मोहम्मद रफी पर कोई नया सृजन हो सकेगा।
गीतों के चयन पर सम्वेदना अहम होगी
गीतों के चयन और उसके सटीक उपयोग पर भी फिल्म के निर्देशक को काफ़ी सम्वेदनशील होना होगा। साथ ही मोहम्मद रफी के जीवन के अब तक के अनछुए पहलुओं को खास ढंग से पेश करना होगा। महान गायक रफी के बेटे शाहिद ने ओएमजी-ओ माय गॉड’ और ‘ढूंढते रह जाओगे’ जैसी फिल्मों का निर्माण करने वाले निर्माता उमेश शुक्ला को इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी है।
ओरिजिनल गीतों का गुंजन ही रफी के किरदार को जीवंत कर सकती है
बहुत से रफ़ी फैंस का यह मानना है कि इस बायोपिक फिल्म को अगर अच्छी तरीके से बनाना है तो मोहम्मद रफी के ओरिजिनल गानों को ही इस्तेमाल करना चाहिए। कोई रीमिक्स या गीतों को दोबारा किसी और गायक की आवाज में हरगिज़ रिकॉर्ड नहीं करना चाहिए।
संगीत जगत के दिग्गज मोहम्मद रफ़ी के बेटे शाहिद रफ़ी 102 नाट आउट के सफल निर्देशक उमेश शुक्ला को अपने वालीद पर फ़िल्म का निर्देशन करने के लिए सबसे काबिल मानते हैं। उमेश शुक्ला जी की नई सोच शाहिद रफी को बहुत पसंद है।
आशा है कि जल्द ही यह फिल्म रफी के रोमांटिक गीतों से लोगों के दिलों को रोमांचित कर देगी। फिल्म में रफी साहब के समूचे जीवन की कहानी होगी।
संघर्षों से भरा रहा रफी का समूचा जीवन
मोहम्मद रफी का जीवन भी और महान लोगों की तरह काफ़ी संघर्ष शील रहा। मोहम्मद रफी ने देशभक्ति गीत, गजल, भजन और रोमांटिक स्वर की मधुरता के साथ कई तरह के गाने गाए हैं। हालांकि, मोहम्मद रफी ने अपने अधिकांश गाने हिंदी में गाए, लेकिन उन्होंने अन्य भाषाओं जैसे असमिया, कोंकणी, भोजपुरी, उड़िया, पंजाबी, बंगाली, मराठी, सिंधी, कन्नड़, गुजराती, तेलगू, मगही, मैथिली और उर्दू और यहाँ तक की अंग्रेजी, फारसी, अरबी, सिंहली, क्रेओल और डच जैसी भाषाओं में भी गाने गाए थे।
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मोहम्मद रफ़ी: बेजोड़ गायक, महान इंसान