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Why Bathroom Selfies? पिछले कुछ सालों से बाथरूम में सेल्फी लेने का चलन बहुत बढ़ गया है। गुज़रे ज़माने में बाथरूम जैसे जगह है पर लोग कम से कम समय बिताना चाहते हैं लेकिन इसके विपरीत लोग अलग-अलग मुद्राओं में अपनी तस्वीरें खींचकर सोशल मीडिया पर डालते हैं। इसके पीछे सोशल एक्सपर्ट और मनोवैज्ञानिक कई कारण बताए जाते हैं। आइए विस्तार से जानें।
टॉयलेट में अच्छी रोशनी
माल हो सिनेमाघर या कोई रेस्टोरेंट, बाथरूम में आमतौर पर अच्छी रोशनी रहती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां शीशे और टाइल्स लगे होते हैं, जो रोशनी को और अच्छे से रिफ़ेलेक्ट करते हैं। इस वजह से तस्वीरें साफ और चमकदार आती हैं।हर कोई ज़्यादा शानदार दिखता है और लुभावना दिखता है। दूसरे को कैसा भी लगे, अपने आप को देख देख मंत्र मुग्ध होने के लिए मॉडर्न बाथरूम का सेट अप किसी ग्रीन रूम से कम नहीं।
एकांत और स्वयं से प्रेम
बाथरूम एक ऐसी जगह है, जहां व्यक्ति को थोड़ी देर के लिए एकांत मिलता है। यहां वह बिना किसी की रोक-टोक के अपनी तस्वीरें खींच सकता है। बाथरूम में सेल्फी (Bathroom Selfies) लेते वक्त लोग अकेलेपन का पूरा फायदा उठाते हैं और हर तरह की भावभंगिमाएँ बनाकर फोटो खींचते हैं। कभी इस एंगल से कभी दूसरे अनगले से ख़ुद को किसी फिल्म स्टार से काम नहीं समझते। स्वयं से प्रेम करके अपने सबसे फेवरेट बनने का मौक़ा आजकल के युवा नहीं छोड़ते।
खुद को बेहतर दिखाने की चाह
हर कोई चाहता है कि वह तस्वीरों में अच्छा दिखे। इसके लिए लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। बाथरूम में सेल्फी ( Bathroom Selfies) लेने का एक कारण यह भी है।अब पच्चास सेल्फी लेंगे हुज़ूर तो एक तो बढ़िया ही जाएगी। व्हाट्सएप, फेसबुक इंस्टाग्राम पर अपनी डीपी बनाने का इंतज़ाम बाथरूम में इसलिए भी किया जाता है।
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मनोवैज्ञानिक कारण भी बहुत से हैं
कुछ मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बाथरूम में सेल्फी (Bathroom Selfies)लेने के पीछे मनोवैज्ञानिक कारण भी होते हैं। आत्म-सम्मान में कमी: जिन लोगों में आत्म-सम्मान की कमी होती है, वे अपनी तस्वीरों पर मिलने वाली प्रतिक्रियाओं से अपनी अहमियत का अंदाजा लगाते हैं। ऐसे में बाथरूम सेल्फ़ी उपयोगी सिद्ध होती है।
ध्यान आकर्षित करने की इच्छा:
कुछ लोग सिर्फ इसलिए बाथरूम में सेल्फी लेते हैं, ताकि वे दूसरों का ध्यान आकर्षित कर सकें। Attention seeking आज के समाज की एक बहुत बड़ी बीमारी बन गई है और सेल्फ़ी ख़ास कर के बाथरूम सेल्फ़ी इसी दीवानेपन का एक हिस्सा है।
सोशल मीडिया का दबाव:
आजकल सोशल मीडिया पर अच्छे दिखने का दबाव होता है। इस वजह से भी लोग बाथरूम में सेल्फी लेते हैं। अब क्योंकि यह सोशल चलन है तो उन्हें भी निभाना है, सेल्फी में फिल्टर्स लगाकर बाथरूम के चकाचौंध में असलियत पर मुखौटा लगाना है।
महिलाएं या पुरुष, कौन लेता है ज्यादा सेल्फी?
वैसे तो बाथरूम में सेल्फ़ी लेने के मामले में महिलाएँ और पुरुष दोनों ही बराबर हैं, लेकिन कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि महिलाएँ पुरुषों की तुलना में थोड़ा ज्यादा सेल्फी लेती हैं। हम इन अध्ययनों की पुष्टि हरगिज़ नहीं करते हैं क्योंकि हमारे भारत में जितनी बावलियाँ दिखतीं हैं आटने ही बावले भी। सेल्फ़ी के लिए जान गवा देने पर उतारू यह सेल्फ़ी जनरेशन के लिये संडास का कीटाणुओं भरा वातावरण कोई बड़ी बात नहीं है।
बाथरूम में सेल्फी का चलन: बाहर इंतजार करते लोगों की परेशानी (Trend of Bathroom Selfies)
दूसरों के समय की बर्बादी: जब कोई व्यक्ति बाथरूम में सेल्फी लेने में ज्यादा समय लेता है, तो बाहर इंतजार कर रहे लोगों का समय बर्बाद होता है।
उलझन: कई बार लोग बाथरूम के बाहर इंतजार करते-करते उलझन में पड़ जाते हैं कि अंदर कौन है और वह कब बाहर आएगा।
गुस्सा: जब किसी व्यक्ति को बहुत जरूरी काम होता है और उसे बाथरूम के बाहर लंबा इंतजार करना पड़ता है, तो उसे गुस्सा भी आ सकता है।एंजाइटी और बाथरूम को समय पर इस्तेमाल ना कर पाने की विवषता कभी कभी स्वाथ्य समस्याएं भी खड़ी कर सकती हैं।
अगर इसे समस्या मानें तो क्या है समस्या का समाधान
अगर आप बाथरूम में दूसरों की समय की कीमत पर सेल्फी लेते हैं और इसे फैशन समझते हैं तब तो हम कुछ नहीं कहेंगे लेकिन अगर आपको इस बात में थोड़ी सी भी समस्या नज़र आती है तो कुछ सुझाव जरूर बताएंगे।
सेल्फी लेने की अवधि निर्धारित करें: लोगों को बाथरूम में सेल्फी लेने की अवधि निर्धारित करनी चाहिए, ताकि दूसरों को ज्यादा इंतजार न करना पड़े।
दूसरों का भी ध्यान रखें: हमें हमेशा दूसरों का भी ध्यान रखना चाहिए और यह समझना चाहिए कि बाथरूम सिर्फ सेल्फी लेने के लिए नहीं है। कोई बेचारा बाथरूम ना जा पाने की वजह से कितनी परेशानी में होगा।
सार्वजनिक जगहों पर सेल्फी लेने से बचें: सार्वजनिक जगहों पर बाथरूम में सेल्फी लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे दूसरों को ज्यादा परेशानी होती है।
स्वच्छता की क़ीमत पर जोखिम ना लें
बाथरूम को जन्नत ना समझें बल्कि कीटाणुओं का अड्डा भी जाने।यहाँ अपना शौक़ पूरा करते करते आप कई बीमारियों के संक्रमण से भी पीड़ित हो सकते हैं।
अगली बार जब बाथरूम जाने के लिए किसी के बाहर आने का इंतज़ार कर रहें हों तो यह समझ कर थोड़ा धैर्य रखने की कोशिश करें की कोई बेचारा या बेचारी सेल्फी की दीवानगी में, आत्म प्रेम के रोग से पीड़ित अंदर है।
अगर आपको भी बाथरूम की सुगंध या दुर्गंध में सेल्फ़ी लेने का रोग है तो आपसे छोटा सा अनुरोध है कि यह नहीं भूलना चाहिए कि सेल्फी लेने की भी एक सीमा होती है। हमें अपनी निजता का भी ध्यान रखना चाहिए और ऐसी तस्वीरें नहीं खींचनी चाहिए, जिनसे किसी को ठेस पहुंचे।
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