जब अमिताभ मौत के मुँह से निकले 

The Coolie Accident

ख़बर थी कि मनमोहन देसाई की फिल्म कुली के सेट पर अमिताभ बच्चन गंभीर रूप से घायल हो गए। महा नायक के बारे में ऐसे ख़बर सुन, पूरा देश सदमे में चला गया

26 जुलाई, 1982, को जब Radio पर आइ एक बुरी ख़बर 

कुछ पंडितों के अनुसार " कुली”टाइटल हो मनहूस था। पिछले दो मौकों पर, 1950 के दशक में और 1970 के दशक की शुरुआत में संयोग से दो फिल्मों के सेट पर बड़े हादसे हुए थे, जिन्हें संयोग से नाम दिया गया था " कुली”। 

मनमोहन देसाई को "कुली" शीर्षक रखने के लिए देश कोस रहा था। 

बात यह फैली की ऐक्शन शॉट में एक टेबल थी जिसने उन्हें चोट पहुंचाई। लोग अब टेबल को बुरा भला कह रहे थे कि एक और वजह सामने आयी। अगली स्लाइड में पढ़िए।

पहले एक मेज़ को दोषी ठहराया गया 

अब सच आमने आया कि ऐक्शन सीन में एक सह कलाकार के हाथ की पल भर को टाइमिंग ग़लत बैठ गयी। इस हादसे से अमिताभ के प्रशंसकों की दुनिया हिल गयी और देश शोक में था।

आख़िर 26 जुलाई, 1982 को क्या हुआ था?

पुनीत इस्सर, नाम था उस बदनसीब अभिनेता का जिसकी छोटी सी ग़लती से  सुपरस्टार अमिताभ बॉम्बे के ब्रीच कैंडी अस्पताल की आईसीयू में अपने जीवन के लिए जूझ रहे थे। 

कौन देश के वास्ते खलनायक बन गया 

सेटिंग बैंगलोर विश्वविद्यालय परिसर थी। कुली के एक फाइट सीक्वेंस की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन को नवागंतुक पुनीत इस्सर के एक गलत पंच का खामियाजा भुगतना पड़ा, जिससे उनकी आंत फट गई।

आख़िर हुआ क्या था ?

"चिकित्सकीय रूप से कुछ मिनटों के लिए मृत" महानायक को बैंगलोर के डॉक्टर ने घोषित कर दिया। ऐसी स्थिति में बंगलोरे से मुंबई लाया गया। 

अमिताभ थे Clinically Dead

देश बस दुआएँ दे रहा था। बैंगलोर से मुंबई लाते वक्त अमिताभ के पेट में लगे टांके खुल गए और उनकी कंडीशन बेहद खराब हो गई। 8 घंटे लम्बा ऑपरेशन हुआ। जब डॉक्टरों ने अमिताभ बच्चन को पुनर्जीवित करने के आखिरी प्रयास में उनके दिल में एड्रेनालाईन का इंजेक्शन लगाया। फिर अमिताभ में जीवन की वापसी के संकेत मिले। 

2 अगस्त 1982 को हुआ करिश्मा 

जरा कल्पना कीजिए कि अमिताभ की आभा क्या थी कि तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे मुलाकात की और उन्हें माथे पर चूमा और उनके बचपन के दोस्त, प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के बेटे, राजीव गांधी ने उनके साथ रहने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा रद्द कर दी।

प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी  मिलने पहुँची

अमिताभ बच्चन के घायल होने से लेकर उनके ठीक होने तक, उनके परिवार को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था। जया टूट गयीं थीं। जब अमिताभ इस हादसे का शिकार हुए तब उनकी बेटी श्वेता 8 बरस की थीं और अभिषेक की उम्र केवल 6 साल थी। अमिताभ रेकव्री के समय भी अभिषेक का हौंसला बढ़ाने के लिए मज़ाक़ करते थे पीपों को पतंग की डोर कहते। 

लोगों की प्रार्थना और बच्चन की हिम्मत रंग लाई