5 Reasons behind Why Always Upset: आपने जरूर महसूस किया हुआ कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो हमेशा अपना मुँह फुलाए रहते हैं और ऐसे लोग हर घर, हर गली, हर नुक्कड़, हर मोहल्ले में मिल जाते हैं। कभी इन लोगों पर तरस आता है तो कभी इन लोगों पर गुस्सा। लेकिन ये लोग सुधरने का नाम नहीं लेते। आखिर ये लोग ऐसे होते क्यों है?
क्या घुन्नापन एक पारिवारिक समस्या है?
सुनने में अजीब लगेगा लेकिन आपने भी महसूर किया होगा कि किसी किसी परिवार के अधिकतर सदस्य घुन्ने होतें हैं। वह कम बात करते हैं माथे पे बल रहता है और सीधे मुँह जबाब देते ही नहीं। ऐसा वह जानबूझ कर नहीं करते। दरअसल कई परिवार जिन्होंने बहुत सी कठिनाइयों का सामना किया होता है और कम खुशियां देखी होती है वहाँ ऐसा देखा गया है। परिवार जनों की भवें तनी रहती हैं, पड़ोसियों से ना के बराबर बातचीत होती है इत्यादि।
मनोचिकित्सकों की माने तो जिन परिवारों को लगातार धोखों का सामना करना पड़ता है उनमें अक्सर ऐसे लक्षण ज़्यादा दिखते हैं। ये लोग दूसरों पर विश्वास करना छोड़ देते हैं पीढ़ियों से चले आ रही इस प्रथा को भूल नहीं पाते।
मुँह फुलाए रहना बचपन से ही सीखते हैं कई लोग
अक्सर देखा गया है कि घरों में बच्चे अपने माँ बाप से मुँह फुलाए रहना सीखते हैं। दरअसल माँ बाप के बीच में अगर अच्छे संबंध नहीं है तो बच्चे नीरस से हो जातें हैं। यह भी यह देखा गया है की क्योंकि माँ बाप मुँह फुलाए रहते हैं इसलिए बच्चे भी है यही सीख लेते हैं। यह कम उम्र से ही बिन बात की ऐंठे रहना सीख लेते सीख लेते हैं। बड़े होकर भी यह आदत छूटती नहीं है।
ऐसे लोग अकसर रूठ कर माहौल ख़राब कर देतें हैं। ख़ासकर कोई शुभ अवसर हो, शादी ब्याह या पार्टी इनका मूँह ज़रूर फूलेगा। यह उदास और डिस्टर्ब्ड दिख कर सबका ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश करते हैं। कुछ समय लोग इनको सहानुभूति दे देतें हैं मगर जब सब ख़ुशी का आनंद लेने लागतें हैं तो यह ख़ुद को अकेला महसूस करते हैं। ऐसे व्यक्तियों से हर कोई कटने लगता है और इनकी समस्या और दुःख और बढ़ जाता है।
घर आते ही मुँह फुला लें लेना – Why Always Upset
ऐसा भी देखा गया है कि कई लोग ऑफिस, स्कूल या कॉलेज में तो खूब हँसी-ठट्ठे करते हैं लेकिन जैसे ही घर आते है जनाब एकदम मुहं फुला लेते हैं। दरअसल ये दोहरे चरित्र या कहें डूअल पर्सनैलिटी वाले लोग होते हैं। घर में कई कारणों की वजह से ये अपने घर में कुछ दबे दबे और चिड़चिड़े से दिखते हैं झुंझलाए हुए से। ऐसा अक्सर तब होता है जब घर में मन के के हिसाब से एटमॉसफेयर ना मिले या कहें वातावरण ना मिले। विचार न मिलने के कारण भी कई लोग इस तरह से आचरण करते हैं।
डिप्रेशन और उदासी – Major Reason of Why Always Upset
कई बार कुछ निजी जीवन में ऐसी घटनाएं घट जाती है जिनकी वजह से लोग डिप्रेशन में चले जाते। ऐसे लोग अक्सर उदास रहते हैं। लेकिन अक्सर उदास रहना एक मानसिक बिमारी बन जाए तो काफी घातक हो सकती है। हमें अगर अपने आसपास अपने पड़ोस में ऐसे लोग देखे जो अचानक डिप्रेशन में चले गए हैं तो मैं कोशिश करना चाहिए कि हम उनकी सहायता करें, उनसे बातचीत करें या उन्हें मनोवैज्ञानिक तक लेकर जाए।
अगर ख़ुद में दिखें उदासी के लक्षण
अगर ख़ुद में ही ऐसे लक्षण दिखें कि हम उदास रहने लगे हैं(Why Always Upset) तो हमे सचेत हो जाना चाहिए। हमें ज्यादा लोगों से मिलना चाहिए, अपना वातावरण बदलने की कोशिश करनी चाहिए या फिर अपने नियम दिनचर्या को भी बदलना चाहिए। जीवन एक बार मिला है दोस्तों उदास रह कर भी क्या कीजियेगा। खुश रहिये दूसरों को खुश रखिए और अगर कोई उदास है तो उसे प्रसन्न करने की कोशिश कीजिए। अगर ये लेख अच्छा लगा है तो इसे फौरन फॉर्वर्ड कर दीजिए किसी मित्र को जो डिप्रेशन का शिकार हो, जो मुँह फुलाए रहता हो या फिर अनावश्यक कारणों से गुस्से में रहता हो।
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