Major reasons behind popularity and success of Punjabi Pop king and singer Daler Mehndi

Daler Mehndi Life Story: आदमी के जीवन में उसकी आलोचना और उसको दिए गए ताने उसे सफल करने के लिए उसकी काफी मदद करते हैं। ऐसा ही कुछ प्रसिद्ध पॉप गायक दलेर मेहंदी के साथ हुआ। ताने और आलोचना से आहत होकर अपनी राह को और सुनहरी बनाने वाले गायक दलेर मेहंदी कहते हैं कि तुनक तुनक तुन का संगीत वीडियो उनके अहंकार को ठेस मिलने के बाद का परिणाम था। 

सफलता के बावजूद मीडिया से क्यों मिली आलोचना 

दलेर मेहंदी की सफ़लता को लेकर मीडिया में अक्सर यह टिप्पणी  होती रहती थी कि दलेर मेहंदी के संगीत वीडियो केवल उनके वीडियो में दिखने वाली ‘ग्लैमर’ और सुंदर महिलाओं के कारण ही सफल होते हैं। लोगों की इसी टिप्पणी ने दलेर मेहंदी के अहंकार और जज़्बे को काफ़ी  ठेस पहुंचाई और उन्होंने फैसला किया कि अपने अगले वीडियो में कुछ बिलकुल अलग होगा। 

आलोचना को सकारतामक तरीक़े से लेकर दलेर में रचा नया एहसास 

आलोचकों की टिप्पणियों ने दलेर को ठेस तो पहुंचाई लेकिन उनके जज्बे को नहीं दबा ना सकी। इन सब के रहते दलेर मेहँदी ने एक अनूठा प्रयोग करने का निर्णय लिया जो अपने में एक इतिहास है। परिणामस्वरूप 1998 में तुनक तुनक तुन रिलीज़ हुई, जिसमें एक नहीं पाँच पाँच दलेर मेहंदी थे! यह गीत और वीडियो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में बहुत लोकप्रिय हुआ, जिसने उस समय के सबसे बड़े पॉप सितारों में से एक के रूप में उनकी स्थिति को मज़बूत किया।

हरी स्क्रीन का वीडियो अपनी तरह का देश में पहला वीडियो था

इस प्रसिद्ध वीडियो में पांच अलग अलग वीडियो में अलग अलग ढंग से दलेर मेहंदी का दिखना और उनकी गायन प्रतिभा का बेजोड़ प्रदर्शन दोनों ने मिलकर जैसे चमत्कार कर दिया। यह हरी स्क्रीन पर शूट होने वाला वीडियो अपनी तरह का देश में पहला वीडियो था। अपनी इसी तरह की खासियत से ‘तुनक तुनक तुन’ ने दलेर मेहंदी को समूचे देश में भरपूर कामयाबी दी। इसके बाद ‘तुनक तुनक तुन’ सहित न जाने कितने ही गानों से दलेर ने लोगों को अपना दीवाना बनाया। 

पंजाबी पॉप के किंग दलेर का जन्म पंजाब में नहीं हुआ था  – Daler Mehndi Birth

What were the major reasons behind success and popularity of Punjabi pop sensation Daler Mehndi. Punjabi and Bollywood popular singer Daler Mehndi performing on stage
Punjabi and Bollywood popular singer Daler Mehndi performing on stage | Courtesy: Social Media

दलेर मेहंदी का जन्म 18 अगस्त 1967 को बिहार की राजधानी पटना में हुआ। दलेर मेहंदी के गानों की तरह ही उनकी ज़िंदगी भी बेहद चर्चा में रही है। बचपन से ही उन्मुक्त संगीत के दीवाने थे और इस फ़िराक़ में उन्होंने अपना घर भी छोड़ दिया था। दलेर मेहंदी को शुरु से ही संगीत का शौक था।

इस शौक को पूरा करने के लिए महज 11 साल की उम्र में दलेर ने अपना घर छोड़ दिया था। तब वे पटना से उत्तरप्रदेश के गोरखपुर आ गए। यहां उन्होंने उस्ताद राहत अली खान से संगीत की शिक्षा ली और वहीं महज 13 साल की छोटी सी उम्र में दलेर ने 20 हजार लोगों की भीड़ के सामने स्टेज परफॉर्मेंस दी थी।

अमिताभ बच्चन के फोन ने बदली किस्मत

दलेर मेहंदी अपने संगीत की बदौलत पंजाबी फिल्म और पॉप इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम बन चुके थे। इसी दौरान उनसे उनके एक दोस्त ने पूछा था कि बॉलीवुड में कब गा रहे हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि, उन्हें पाजी (अमिताभ बच्चन) बुलाएंगे तब वो बॉलीवुड में गाना गाएंगे। दोस्त को यह बात मज़ाक़ से कम नहीं लगी। उनके दोस्त ने कहा कि अमिताभ भला डालर को क्यों बुलाएंगे? 

इसके विपरीत, दलेर को पूरा भरोसा था कि अमिताभ बच्चन साहब का बुलावा ज़रूर आएगा। इसके दो माह बाद ही दलेर मेहंदी के पास बिग बी का फोन आ गया। फिर अमिताभ और दलेर साथ में नजर आए, दलेर ने बिग बी के लिए फिल्म ‘मृत्युदाता’ में ‘ना ना ना ना रे’ गाना गाया था।  इसके बाद उन्हें और ज्यादा शोहरत हासिल हो गई थी।

दलेर मेहंदी का निजी जीवन – Daler Mehndi Personal Life

दलेर मेहंदी दो शादी कर चुके हैं। अमरजीत मेहंदी से उनकी पहली शादी हुई थी। दोनों के दो बच्चे एक बेटा मंदीप और एक बेटी अजित है। वहीं सिंगर की दूसरी शादी तरणप्रीत कौर से हुई। दोनों के चार बच्चे गुरदीप मेहंदी, अजीत कौर, प्रभजोत कौर और रबाब कौर हैं।

दलेर का सफलता फार्मूला: आदमी के दो कान और मुँह एक है 

अगर आदमी अपनी जिंदगी में अपने आसपास के लोगों की बातों, आलोचनाओं को धीरे से गंभीर से लेता हुआ उसे अपनी शक्ति बनाकर दिन-रात मेहनत करते हुए अपने लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश में लगा रहता है, तो ऐसा करने वाला व्यक्ति दलेर मेहंदी जैसी शख्सियत बनकर अपने आप को लोकप्रियता के चरमोत्कर्ष  शिखर पर पहुंचा देता है। 

दलेर मेहंदी ने आज अपने आप को दुनिया में इस तरह से स्थापित करते हुए यह सभी को बता दिया है कि आदमी के पास दो कान होते हैं। मतलब एक कान से ताने और आलोचना सुनो और उसको दूसरे कान से निकाल दो। लेकिन मुंह एक है इसलिए ज्यादा बोलो मत और हाथ दो है तो अधिक से अधिक मेहनत करो। क्योंकि मेहनत से ही सफलता मिलती है और दलेर मेहंदी ने अपने जीवन से अपने संघर्ष से यह सब को बता दिया है।

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Written by

Sharad Mishra

वरिष्ठ पत्रकार