कपिल शर्मा किसी परिचय के मोहताज नहीं है। रोज़ाना तनावपूर्ण दिन गुजरने के बाद, हमें चैन, आराम और शांति की सख़्त ज़रूरत होती। ऐसे में कपिल शर्मा की कॉमडी किसी चिकित्सा से कम नहीं। आइए उनके बारे में कुछ अनकही बातें जानें।
उनका असली नाम कपिल पुंज है। उन्होंने अपना उपनाम पुंज से बदलकर शर्मा इसलिए कर लिया क्योंकि उन्हें लगता है कि उपनाम 'शर्मा' उनके व्यक्तित्व के साथ ज़्यादा मेल खाता है।
उनके पिता श्री जीतेंद्र कुमार पुंज पंजाब पुलिस में हेड कांस्टेबल थे। वर्ष 1997 में, उनके पिता को कैंसर का पता चला था और वर्ष 2004 में दिल्ली के AIMS में उनका निधन हो गया। कपिल को बहुत जल्दी ही घर की सारी जिम्मेदारी लेनी पड़ी।
तीन साल की उम्र तक सभी कपिल को छोटू कहकर बुलाते थे। 1983 में भारत के क्रिकेट विश्व कप जीतने के बाद, उनके माता-पिता ने उनका नाम कैप्टन कपिल देव से प्रेरित होकर कपिल रखने का फैसला किया।
कपिल शर्मा को 2007 में "द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज" में रिजेक्ट कर दिया गया था जब उन्होंने अमृतसर में ऑडिशन दिया था। फिर वह दिल्ली आए और दिल्ली के ऑडिशन में उन्हें चुना गया। आख़िरकार उन्होंने शो जीत और उन्हें 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार मिला।
कपिल ने अपनी बहन की शादी पर लाफ्टर चैलेंज में जीती हुई सारी पुरस्कार राशि खर्च कर दी। अपनी प्यारी बहन को एक भव्य शादी प्रदान करने के लिए उन्होंने अपनी इनामी रक़म क़ुर्बान कर दी।
कपिल के बड़े भाई हैं जिनका नाम अशोक कुमार शर्मा है। वह भी पंजाब पुलिस में कांस्टेबल हैं और कपिल के बहुत प्रिय हैं। कहा जाता है कि उन्होंने कपिल के लिए बहुत त्याग किया है।
कम ही लोग जानते हैं कि कॉमेडियन कपिल संगीत में करियर बनाने के लिए मुंबई आए थे। उन्होंने 2011 में "स्टार या रॉकस्टार" शो में भी भाग लिया। , उन्होंने शो नहीं जीता, लेकिन भारत की कोकिला लता मंगेशकर जी सहित कई लोगों का दिल जीता। आज भी वह अपने शो में गीत गाने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते।
कपिल शर्मा को मैडम तुसाद वैक्स म्यूजियम से भी समान प्राप्त है जो बड़े बड़े दिग्गजों को भी ना मिला होगा। शायद कपिल भारत के एकमात्र हास्य हास्य कलाकार होंगे जिनकी मैडम तुसाद वैक्स म्यूजियम में की प्रतिमा है।